शिक्षक भर्ती के मूल्यांकन में 20 नंबर तक हेरफेर, अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती की लिखित परीक्षा का मामला
अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में 20 नंबर तक की हेरफेर की गई थी। ओएमआर शीट पर परीक्षा लेने के बाद कम्प्यूटर और स्कैनिंग मशीन की सहायता से कॉपियों का मूल्यांकन कराया गया था। इसके बावजूद इतने नंबर की हेरफेर ने पूरी परीक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। कम अंक मिलने पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका की थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने 12 अप्रैल को एक समिति का गठन करते हुए आपत्तियों की जांच कराई। 571 शिकायतों के मैनुअल मिलान में 132 सही पाई गई। शासन ने आठ जून को संपूर्ण परिणाम का मूल्यांकन कराते हुए संशोधित परीक्षाफल घोषित करने के आदेश दिए हैं। परीक्षाफल की फिर से जांच हो रही है। जुलाई के पहले सप्ताह में परिणाम घोषित होने की उम्मीद जताई जा रही है। किसी प्रकार की चूक न हो, इसलिए मूल्यांकन के बाद एक बार फिर से परिणाम की जांच की जा रही है। यही कारण है कि भर्ती फंसी हुई है।
संजय उपाध्याय ने कराई थी यह भर्ती परीक्षा: यूपी-टीईटी 2021 के पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने ही एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए 17 अक्तूबर 2021 को परीक्षा कराई थी।
गड़बड़ी की पुष्टि के बावजूद कार्रवाई नहीं
132 अभ्यर्थियों के अंक में गड़बड़ी की पुष्टि के बावजूद किसी पर कार्रवाई न होना आश्चर्य में डालने वाला है। ये वे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने अपने परिणाम में अनियमितता की शिकायत की थी। नंबरों में हेरफेर के मामले और अधिक हो सकते हैं। इससे पहले 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह को निलंबित कर दिया गया था।
लिखित परीक्षा परिणाम में होगा व्यापक बदलाव
पुनर्मूल्यांकन के बाद एडेड जूनियर हाईस्कूल भर्ती परीक्षा के परिणाम में व्यापक बदलाव होगा। सहायक अध्यापक पद के लिए परीक्षा में सम्मिलित 2,71,066 अभ्यर्थियों में से 45,257 (16.69) और प्रधानाध्यापक के लिए सम्मिलित 14,928 अभ्यर्थियों में से 1,722 (11.53) अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे। पुनर्मूल्यांकन के बाद सारे आंकड़े बदल जाएंगे।
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