Bihar Teacher Transfer Policy : 10 बिंदुओं में सीधे समझें जारी हुई बिहार शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी के बारे men
Bihar Teacher Transfer Policy: बिहार सरकार ने लगभग 5 से 6 लाख शिक्षकों को ध्यान में रखकर यह नीति बनाई गई है. जल्द ही ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और दिसंबर से ट्रांसफर-पोस्टिंग शुरू हो जाएगी. तबादले के लिए 10 ऑप्शन दिए जाएंगे.
पटना . बीते दिनों, शिक्षा विभाग की तरफ से बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर नई नियमावली जारी हो गई है. शिक्षकों को इसका लंबे समय से इंतजार था. सरकार का दावा है कि इस नीति के तहत अब BPSC से नियुक्त शिक्षक, पुराने शिक्षक और सक्षमता पास शिक्षकों को अब अपने जिले में रहने का मौका मिलेगा. सरकार के इस निर्णय से लगभग 5 से 6 लाख शिक्षकों को ध्यान में रखकर यह नीति बनाई गई है. जल्द ही ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और दिसंबर से ट्रांसफर-पोस्टिंग शुरू हो जाएगी. तबादले के लिए 10 ऑप्शन दिए जाएंगे.
🔵 Bihar Teacher Transfer Policy को 10 प्वाइंट में सीधे समझें
1. बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने इस पूरे नियमावली को आसान शब्दों में शिक्षकों को समझाया. इस नियमावली में शिक्षकों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है जैसे, असाध्य रोग से ग्रसित, गंभीर रोग से ग्रसित, दिव्यांग, सेवाकाल के दौरान दिव्यांगत से ग्रसित, विधवा और परित्यक्त, महिलाएं, जिनके पति सेवा में हैं, पुरुष शिक्षक सबके लिए अलग-अलग प्रावधान किया गया है.
2. गंभीर रोगी, दिव्यांग, विधवा, तलाकशुदा महिला शिक्षक का गृह पंचायत, गृह नगर निकाय, पति के गृह पंचायत, पति के नगर निकाय, वर्तमान पदस्थापना वाली पंचायत और नगर निकाय को छोड़ कर किसी भी पंचायत, नगर निकाय, प्रखंड, अनुमंडल का विकल्प दे सकते हैं. पुरुष शिक्षक विकल्प के रूप में गृह अनुमंडल छोड़ कर जिले की किसी भी पंचायत, नगर निकाय का चुनाव कर सकते हैं. यानी पुरुष शिक्षकों की पोस्टिंग गृह अनुमंडल में नहीं होगा.
3. किसी भी स्कूल में नियमित शिक्षक 10%, स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षक 30%, सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक 30% और बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक 30% होंगे. उदाहरण के तौर पर समझे तो, अगर किसी विद्यालय में 10 रिक्तियां हैं तो उसमें एक सीट पर पुराने नियमित शिक्षक, 3 सीटों पर पर विशिष्ट शिक्षकों, 03 सीटों पर बीपीएससी शिक्षकों और 03 सीटों पर नियोजित शिक्षकों की पोस्टिंग होगी.
4. ट्रांसफर पोस्टिंग में सबसे वरीय पुराने नियमित शिक्षक माने जाएंगे. उसके बाद सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक और फिर बीपीएससी शिक्षकों का वरीयता क्रम होगा. नियोजित शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होना है. च्वाइस पोस्टिंग में सबसे पहले नियमित शिक्षक, फिर सक्षमता और टीआरई पास शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
5. जिले के दस विद्यालयों के विकल्प देना होगा. इन्हीं दस विद्यालयों में पोस्टिंग होगी. अगर इनमें से कोई विद्यालय नहीं मिला तो निकटवर्ती अनुमंडल या जिले के किसी स्कूल में पोस्टिंग होगी.
6. बिहार के बाहरी जगहों के शिक्षकों के ऊपर कोई भी बाध्यता लागू नहीं होती है.
7. हर पांच साल पर ट्रांसफर को अनिवार्य किया गया है.
8. एक स्कूल में अधिकतम 70 फीसदी महिला शिक्षकों की पोस्टिंग होगी.
9. ट्रांसफर के लिए तीन समितियों के हुआ गठन: जिला में ट्रांसफर के लिए डीएम, प्रमंडल के अंदर एक जिले से दूसरे जिले के ट्रांसफर के लिए प्रमंडलीय आयुक्त वाली कमेटी और एक प्रमंडल से दूसरे प्रमंडल में ट्रांसफर करने का निर्णय शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी.
10. सॉफ्टवेयर बेस्ड ऑटो-जेनरेटेड फॉर्मेट से च्वाइस पोस्टिंग की जाएगी. जिला के अंदर विसंगतियों को डीएम निपटाएंगे.
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