पांच साल बाद शासन ने यूपी बोर्ड परीक्षा से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं का व्यय व पारिश्रमिक बढ़ाया, देखें अब कितना मिलेगा?
हाईस्कूल की कॉपियां जांचने का पारिश्रमिक तीन और इंटर का दो रुपये प्रति कॉपी बढ़ा
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित की जाने वाली बोर्ड परीक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं व मूल्यांकन के पारिश्रमिक में वृद्धि की गई है। शासन ने पांच साल बाद पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की है। शिक्षकों को अब हाईस्कूल की कॉपियां जांचने के लिए प्रति कॉपी 11 की जगह 14 रुपये और इंटर की कॉपियां जांचनें के लिए 13 की जगह 15 रुपये दिए जाएंगे।
शासन की ओर से पुनरीक्षित की गई दरों के अनुसार प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए आठ रुपये प्रतिछात्र की जगह 10 रुपये, कक्ष निरीक्षक को प्रति पाली 96 की जगह 100 रुपये, कक्ष नियंत्रक के लिए 60 रुपये प्रतिदिनि की जगह 75 रुपये और परीक्षा केंद्र संबंधी व्यय के लिए केंद्र व्यवस्थापक को 80 रुपये प्रति पाली की जगह 100 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक को 53 रुपये प्रति पाली की जगह 60 रुपये, लिपिक को 33 रुपये प्रति पाली की जगह 40 रुपये दिए जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार के अनुसार तृतीय श्रेणी कर्मचारी को प्रतिदिन 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 14 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 रुपये, जलपान व्यय 20 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 25 रुपये प्रतिदिन, कक्ष नियंत्रक का व्यय 60 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 75 रुपये प्रतिदिन, स्थानीय परीक्षकों का वाहन व्यय 27 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 35 रुपये प्रतिदिन, महिला सवारी भाड़ा प्रति पाली 30 से बढ़ाकर 35 रुपये किया गया है।
अब एक सेट प्रश्नपत्र बनाने पर 2500 रुपये मिलेंगे
विशेष सचिव ने बताया कि प्रश्नपत्र बनाने के लिए 2394 रुपये एक सेट के स्थान पर 2500 रुपये, उत्तर पुस्तिका व्यवस्था के लिए 7 रुपये प्रति हजार से बढ़ाकर 8 रुपये प्रति हजार, समीक्षा-मूल्यांकन के लिए 400 की जगह 500 रुपये प्रति व्यक्ति व मूल्यांकन परीक्षकों की निर्धारित पारिश्रमिक सीमा को 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया है। बोर्ड परीक्षा से जुड़े लगभग तीन-चार लाख कर्मचारियों को बढ़े हुए पारिश्रमिक का लाभ मिलेगा। पुनरीक्षित दरें सत्र 2025-26 से प्रभावी होंगी।
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