मांगे न मानी गईं तो माध्यमिक शिक्षक दो दिसंबर से पूरे प्रदेश में शुरू करेंगे जेल भरो आंदोलन
19 सूत्री मांगों के समर्थन में शिक्षक संघ का निदेशालय पर चेतावनी धरना
पुरानी पेंशन और तदर्थ शिक्षकों की बहाली पर जल्द निर्णय लेने की मांग
शिक्षकों पर अत्याचार व कार्यालयों में भ्रष्टाचार बंद करने की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने 19 सूत्री मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर चेतावनी धरना- प्रदर्शन किया। नाराज शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली, तदर्थ शिक्षकों की बहाली, धारा 18 को नए शिक्षा आयोग में शामिल करने आदि की मांगें उठाईं। अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि शिक्षकों की मांगें नहीं मानी गईं तो दो दिसंबर से पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे।
पुरानी पेंशन पर सरकार की नीयत ठीक नहीं लग रही है। तदर्थ शिक्षक नवंबर 2023 से वेतन के लिए भटक रहे हैं। पूरे प्रदेश में सेवा सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश हो रही है। प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश संरक्षक व एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि सरकार हठ छोड़कर संगठन से वार्ता करे। समस्याओं का समाधान निकल जाएगा, अन्यथा आंदोलन का विकल्प खुला है।
प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने भदोही में प्रधानाचार्य की निर्मम हत्या की निंदा की। प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के निलंबन की बाढ़ आ गई है। इसे रोकने के लिए सरकार तुरंत प्रभावी कार्रवाई करे। एडेड स्कूलों में एनओसी विहीन ट्रांसफर की नीति लाई जाए। एनओसी के नाम पर रिश्वतखोरी बंद हो और शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा भत्ता का लाभ मिले।
शिक्षकों ने धरने के बाद अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी को ज्ञापन देकर इसे सरकार को भेजने की मांग की। धरने को लवकुश मिश्रा, मार्कंडेय सिंह, संजय द्विवेदी, महेश चंद्र शर्मा, मेजर देवेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, नरसिंह बहादुर सिंह, रामानंद द्विवेदी, सोमदेव सिंह, सुलेखा जैन, विनोद मिश्रा, अजय प्रताप सिंह आदि ने संबोधित किया।
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