पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना का पोर्टल व दिशा-निर्देश दो हफ्ते में होंगे तैयार
शिक्षा मंत्रालय सभी बैंकों के साथ मिलकर तैयार करेगा मसौदा, सिर्फ दो दस्तावेज डिजिटल मोड से भरने होंगे
नई दिल्ली। पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना का पोर्टल और दिशा-निर्देश दो हफ्ते में तैयार हो जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कैबिनेट मंजूरी मिलते ही मेधावी छात्रों के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना का मसौदा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले सभी बैंकों के साथ मिलकर दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। सारा काम डिजिटल होगा। पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना के लिए अलग से पोर्टल बनाया जाएगा।
इसी पोर्टल के जरिये छात्र को ऑनलाइन आवेदन, सभी दस्तावेजों की जांच से लेकर ऑनलाइन ही उसके खाते में पैसे हस्तांतरित होंगे। उच्च शिक्षण संस्थान भी ऑनलाइन ही छात्र का सत्यापन करेंगे। छात्रों को योजना का लाभ लेने के लिए सिर्फ दो ही दस्तावेज भरने होंगे। इससे आवेदन में तेजी और समय की बचत होगी।
योजना में सभी आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, आईआई 3 ईटी, एम्स समेत सरकार के डीम्ड या फंड लेने वाले संस्थान भी शामिल हैं। साथ ही शीर्ष 200 एनआईआरएफ में शामिल राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थान भी जुड़ेंगे।
यह योजना शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोएम-विद्यालक्ष्मी योजना को शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कैचिनेट ने गुणवत्तापूर्ण शिक्ष प्रदान कर युवाओं का सामर्थन करने के लिए पोएम- विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। यह युवा शक्ति को सशक्त बनाने और हमारे राष्ट्र के लिए उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।
पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया, कोई छात्र शिक्षा से वंचित न रहे शाह.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दिए जाने से युवाओं की सफलता की राह में आने वाली एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। गारंटी मुक्त और जमानत मुक्त शिक्षा ऋण योजना की कल्पत कर पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी छात्र अपनी अर्थिक स्थिति के कारण अपनी शिक्षा से वंचित न रहे।
मेधावियों की अब नहीं रुकेगी पढ़ाई, मिलेगा 10 लाख तक का लोन, प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत बिना किसी गारंटी और गिरवी के मिलेगा यह कर्ज
देश के शीर्ष 850 उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 22 लाख छात्र ले सकेंगे इसका लाभ
8 लाख तक सालाना पारिवारिक आय वाले एक लाख छात्रों को तीन प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलेगी
7 लाख से अधिक के शिक्षा ऋण पर अभी तक देनी होती थी गारंटी और गिरवी
नई दिल्ली: पैसों की कमी के चलते देश के होनहार छात्रों की पढ़ाई अब रुकने नहीं पाएगी। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए अब 10 लाख रुपये तक का ऋण बगैर किसी गारंटी और गिरवी के ही मिलेगा। इसका लाभ देश के शीर्ष 850 उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 22 लाख से अधिक छात्र ले सकेंगे। वहीं आठ लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों के एक लाख छात्रों के लिए सस्ते ऋण की भी व्यवस्था की गई है। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख के ऋण पर तीन प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में - बुधवार को कैबिनेट की बैठक में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को विस्तार दिया गया है। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उच्च शिक्षा की राह में अब पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी। छात्रों को बैंक आसानी से ऋण मुहैया कराएंगे। इसकी अदायगी भी बहुत आसान तरीके से की जाएगी। इसका लाभ उन्हीं संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा, जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी एनआइआरएफ की ओवरआल श्रेणी में शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल होंगे। या फिर केंद्र और राज्य सरकारों की फंडिंग से चलने वाले ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान होंगे, जो एनआइआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 101 से 200 में होंगे। मौजूदा समय में इस रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के करीब 850 उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस योजना पर अगले सात वर्षों में यानी 2024-25 से 2030-31 के बीच कुल 36 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही इन सात सालों में सात लाख नए छात्रों को ऋण में सब्सिडी का भी लाभ मिलेगा। पैसों की कमी के चलते या फिर ऋण के लिए गारंटी जैसे नियमों के चलते बड़ी संख्या में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण नहीं मिल पाता था । इस योजना से अब सभी को राहत मिलेगी। इस स्कीम के तहत साढ़े सात लाख रुपये तक के ऋण पर 75 प्रतिशत तक की क्रेडिट गांरटी शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। अभी तक उच्च शिक्षा के लिए सात लाख से अधिक के ऋण पर गारंटी और गिरवी दोनों देनी होती है।
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